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Sunday 22 August 2010

भावनाओं का ध्यान रखना जरूरी


भावनाओं का ध्यान रखना जरूरी

साथी की उपेक्षा से बचें

पति-पत्नी या ब्वॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के रिश्ते हैं जो मुश्किल क्षणों में आपका पूरा साथ देते हैं। हालाँकि आजकल की भागदौड़ में एक-दूसरे के लिए समय निकालना मुश्किल होता जा रहा है। जॉब या बिजनेस के साथ-साथ इन रिश्तों को अहमियत देना और एक-दूसरे की भावनाओं का ख्‍याल रखना मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं।

आजकल डॉक्टर्स कई बीमारियों की वजह यह भावनात्मक सहारे में आ रही कमी को मानते हैं और मनोचिकित्सक की मदद लेने की सलाह देते हैं। इन मुश्किल क्षणों में जरूरत होती है एक सच्चे साथी की, जो आपकी भावनाओं का पूरा-पूरा ख्याल रखे।

दिनभर की भागदौड़ से आप पैसा तो कमा सकते हैं और गृहस्थी का सुविधाजनक सामान भी जुटा सकते हैं लेकिन शांति और सुकून के लिए जिसकी आवश्यकता है वह आपको कोई इंसान ही दे सकता है।

टोका-टाकी से बचें
बात-बात में एक-दूसरे को टोकने की बजाय इन्हें अवॉइड करें। घर में जितनी देर रहें या साथी से बातें करें तो इस बात का ध्यान रखें कि माहौल हल्का-फुल्का ही बना रहे। क्योंकि वर्तमान में हर दूसरा काम कुछ न कुछ टेंशन लेकर ही आता है तो कम से कम हम ऐसी परिस्थिति खड़ी न होने दें। पहनने, खाने, उठने जैसी निजी बातों में आपका अनावश्यक दखल न हो तो बेहतर है।

साथी की उपेक्षा न करें
कोई भी फैसला लेने से पूर्व साथी की सहमति ले लें। भले ही आपको पता है कि उसकी पसंद भी यही होगी या इससे वह इन्कार नहीं करेगा तो भी जाकर एक बार पूछ ही लें निश्चित रूप से उसे अच्छा लगेगा। जरा सी उपेक्षा भी उसकी नाराजगी का कारण बन जाएगी और ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति से व्यक्ति अपने को कुंठित महसूस करने लगेगा।

भावनाओं को समझें
पर्सनल फीलिंग्स, इमोशन्स का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। एक-दूसरे की रूचि का ध्यान रखने से रिश्ते मधुर बने रहते हैं। बर्थडे विश करना, साथी की पसंद का कार्य आगे बढ़कर आप बता दें तो उसका दिल बाग-बाग हो जाएगा। इसके लिए तो आपको विशेष एफर्ट्‍स भी नहीं लगाना होंगे।

कुछ छुपाएँ नहीं
व्यक्ति को ठेस पहुँचती है जब उसका हमदम उससे कुछ छुपाता है। कहीं जाने की बात हो, या किसी अन्य व्यक्ति के बारे में कुछ भी हो। जहाँ तक हो सके सब स्पष्ट रखें। कोई सी भी सामान्य बात दिल में दबाकर न रखें, अन्यथा शंका उत्पन्न होने से भी संबंध बिगड़ सकते हैं।

पूरी तरह से साथ में रहें
जब आप घर पर हैं या अपने दोस्त के साथ जहाँ भी हैं तो फिर ऑफिस के काम या दूसरी अन्य बातों से अपना ध्यान हटा लें। कई बार ऐसा होता है कि आपका साथी आपसे बात करना चाहता है लेकिन आप पुरानी यादों में अकेले खोए हैं या अन्य ख्याल दिल में ला रहे हैं। इसका गलत प्रभाव दूसरे व्यक्ति पर पड़ेगा अत: इन स्थितियों से बचें।

इन छोटी-छोटी बातों के अनेक फायदे आपको अपनी दिनचर्या में देखने को मिलेंगे। खिले-खिले रहने के साथ ही संबंध भी मधुर बनेंगे।

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